गुरुग्राम: बेशकीमती जमीन को कूड़ा घर बनाने के लिए तैयार नगर निगम, धरने पर बैठे सैकड़ों ग्रामीण

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गुरुग्राम में लैंडफिल साइट बनाने के लिए नगर निगम द्वारा दौलताबाद की 7 एकड़ जमीन को चिन्हित किया गया है। कूड़े के निस्तारण के लिए प्लांट बनाने का काम पूरी तरह से शुरू होने से पहले नगर निगम के इस निर्णय के विरोध में आसपास के दर्जनों गांव के ग्रामीणों ने धरना शुरू कर दिया है।

ग्रामीणों का आरोप है कि नगर निगम द्वारा बेश कीमती जमीन को कूड़ा घर बनाने की तैयारी की जा रही है लेकिन किसी भी हाल में इस इलाके को बंधवाड़ी नहीं बनने देंगे। दरअसल दौलताबाद की 7 एकड़ जमीन को नगर निगम ने चयनित किया है कि वहां कूड़ा निस्तारण किया जाएगा। जिसके लिए नगर निगम ने पूरी तैयारी कर ली है और योजना तैयार कर इस पर काम भी शुरू कर दिया था। लेकिन आसपास के गांव और सोसाइटी में रहने वाले लोगों को जब इसकी भनक लगी तो सभी ने इक्ठा होकर निगम के इस फैंसले के खिलाफ विरोध की मुहीम शुरू कर दी है। और जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर यहां से कूड़ा निस्तारण का काम को रद्द करने की मांग रखी।

वहीं हरियाणा सरकार की तरफ से बनाए जा रहे हैं शीतला माता मेडिकल कॉलेज का भी निर्माण इसी एरिया में हो रहा है। यदि यह पूरा डाला जाएगा तो उसे लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ेगी और इसी को रोकने के लिए ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि इस जमीन पर वह इस तरह के प्रोजेक्ट को नहीं आने देंगे।

धरने पर बैठे ग्रामीणों की माने तो जिस प्रकार बंधवाड़ी में प्लांट लगाकर आसपास के गांव के जीवन को नर्क बना दिया है। क्योंकि वहां के जल की की गुणवत्ता इतनी बेकार हो गई है कि सैंकड़ो लोग कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहे है। यहां दर्जनों गांव के साथ-साथ सेंकडों कॉलोनी और हाई राइज सोसाइटी में लाखों की संख्या में लोग रहते है। ऐसे में ऐसी जगह के बीचो बीच इस तरह कूड़े का प्लांट लगाना बिलकुल भी सही नहीं है। लोगों की जान के साथ नगर निगम को खिलवाड़ नहीं करने दिया जायेगा। आगामी दिनों में जब मुख्यमंत्री गुरुग्राम आएंगे तो उनसे भी इस प्लांट को कहीं आबादी से दूर तैयार करने की अपील की जाएगी।

ग्रामीणों और आसपास में रहने वाले लोगों का कहना है कि इस जमीन इंटर नेशनल लेवल का स्विमिंग पूल बनाने के लिए चंडीगढ़ तक अपील की गई है। लेकिन उसका आजतक कोई रिप्लाई नहीं आया। इस जमीन पर स्कूल, कॉलेज यूनिवर्सिटी भले ही बन जाए लेकिन किसी भी कीमत पर यहां नगर निगम के मंसूबो को पूरा नहीं होने दिया जाएगा, फिर चाहे इसके लिए कितने भी दिन धरने पर बैठना पड़े। बहराल अब देखना होगा कि इतने विरोध के बाद नगर निगम प्लांट बनाने का प्लान रद्द करता है या नहीं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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