गुरुग्राम में लगे कूड़े के ढेर को खत्म करने के लिए एक सप्ताह पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुग्राम नगर निगम को एक सप्ताह का समय दिया था, लेकिन एक सप्ताह बाद भी शहर से कूड़ा पूरी तरह से नहीं उठ पाया है। नगर निगम द्वारा चिन्हित किए गए 112 स्थानों से तो नगर निगम कूड़ा उठा रहा है, लेकिन इसी के साथ-साथ शहर में नए डंपिंग पॉइंट बन गए हैं जिन पर अब कूड़े के ढेर लगने लगे हैं।
वहीं, जिला प्रशासन के मुताबिक गुरुग्राम में कूड़े के उठान को लेकर 19 नोडल ऑफिसरों की निगरानी में टीमें बनाई गई हैं, लेकिन यह टीमें भी किस तरह से काम कर रही हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शहर में जगह-जगह आज भी कूड़े के ढेर लगे दिखाई दे रहे हैं। बस फर्क पड़ा है तो इतना कि कूड़े के ढेर के स्थान बदल गए हैं। जिनकी तरफ निगम अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसका एक सीधा कारण घर-घर से कूड़े का उठान न होना भी माना जा रहा है। लोगों के घरों से कूड़े का उठान न होने के कारण लोग अपने घरों के कूड़े को सड़क किनारे फेंक रहे हैं।
वहीं, शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर विपक्ष भी अब सड़कों पर उतरने लगा है। विपक्ष के नेताओं का कहना है कि प्रदेश सरकार हो या जिला प्रशासन सभी जनता को सुविधा देने में विफल रहे हैं। भाजपा नेता और विधायक शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के दावे करते थे वह सभी आज गायब हैं। आज जगह जगह कूड़े के ढेर लगे नजर आ रहे हैं जिसके कारण बीमारियां फैलने का डर बना हुआ है।
वहीं, सड़कों पर लगे कूड़े के ढेर को लेकर जिला उपायुक्त का कहना है कि 19 नोडल ऑफिसरों की निगरानी में टीमें शहर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने में लगी हुई हैं। ज्यादातर क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था दुरुस्त हो चुकी है। शेष इलाकों में भी जल्द ही व्यवस्था दुरुस्त कर दी जाएगी।
आपको बता दें कि जिले के सेक्टर-14 नेताजी सुभाष चंद्र पार्क, डीएवी स्कूल के नजदीक, देवीलाल कॉलोनी, मदनपुरी रोड, कटारिया चौक के पास, सेक्टर-9 चौक के पास आज भी कूड़े के ढेर लगे देखे जा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि यहां से कूड़े का उठान न हो रहा है बल्कि यहां से कुछ कूड़ा तो उठा लिया जाता है ताकि फोटो खींचकर कूड़े का उठान सुनिश्चित किया जाए, लेकिन इसके बाद यहां कूड़ा छोड़ दिया जाता है।
आपको यह भी बता दें कि पिछले करीब 25 दिनों में यूएलबी मिनिस्टर सुभाष सुधा, डिविजनल कमिश्नर आर सी बिधान सहित मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नगर निगम अधिकारियों को एक-एक सप्ताह का समय दिया था, बावजूद इसके भी शहर के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसे में साफ जाहिर है कि नगर निगम अधिकारियों के लिए मंत्री और आला अधिकारियों के आदेशों को दरकिनार कर कार्य किया जाता है। यही कारण है कि शहर के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।